एक सफर ने बदल दी Microsoft कंपनी में काम करने वाले (OLA CEO) भाविश अग्रवाल के जीवन की कहानी

Success Story:- बंगलोरे से बांदीपुर के सफर ने बदली थी भाविश अग्रवाल जीवन की कहानी। इस कंपनी से पहले वह माइक्रोसाॅफट इंडिया में बतौर रिसर्च इंटर्न काम करते थे।
आज भाविश अग्रवाल Ola cab कंपनी के संस्थापक है। लेकिन सब को कार में घुमाने वाले के पास आज भी खुद की कार नहीं है वह अपने दैनिक कार्यों के लिए भी ओला केब का उपयोग करते हैं।आज किसी आम आदमी को एक जगह से दूसरी जगह पर जाना और उसके पास खुद की कोई गाड़ी ना हो तो आपके दिमाग में एक ही ख्याल आता है Ola cab जी हां!

 आज हम इसके बारे में ही विस्तार से पढ़ेगें

कौन है भाविश अग्रवाल

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भाविश अग्रवाल का जन्म 28 अगस्त 1985 में लुधियाना पंजाब में हुआ। अभी इनका आवास मुंबई महाराष्ट में है इनके पिता नरेश कुमार अग्रवाल जो पेशे से आर्थोपेडिक के डाॅक्टर है और माता उषा अग्रवाल भी पेशे से पैथाॅलोजिस्ट की डाॅक्टर है। उनकी पत्नी का नाम राजलक्ष्मी अग्रवाल है जो अर्न्स्ट एंड यंग में एक विश्लेषक और मार्केटिंग मैनेजर रह चुकी है। हालाकि वर्तमान में वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और दिसंबर 2016 से ओला फाउंडेशन का नेतृत्व कर रही हैं।

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इन्होंने स्कूलिंग सेक्रेड हार्ट काॅन्वेंट स्कूल लुधियाना पंजाब से की और आईआईटी से कंप्यूटर सांइस से बी.टेक की है। भाविश अग्रवाल की कुल संपत्ति जनवरी 2024 तक ₹11,700 करोड़ बताई गयी है।

भाविश अग्रवाल के करियर की शुरूआत 

भाविश अग्रवाल को करियर उसकी बी.टेक होने के बाद उनकी नौकरी microsoft india में बतौर रिसर्च इंटर्न के रूप में हुई। वे इस नौकरी से खुश नहीं थे वे खुद का कुछ अलग करना चाहते थे। लेकिन उन्होंने इस 2 साल तक ही नौकरी की फिर उनके अंदर से खुद के लिए काम करने जुनून पैदा कर रहे थे। तभी उनके साथ एक यात्रा की घटना घटित हुई जिससे उनका मन और मजबूत हो गया कुछ अलग करने के लिए तभी उनको ओला का ख्याल आया।

OLA  की स्थापना

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यह बात करीब 2010 की है जब भाविश अग्रवाल किसी काम से बंगलोरे से बांदीपुर जाने के लिए एक टैक्सी बुक की थी। और सफर पर निकल गये थे लेकिन यात्रा का कुछ रास्ता बितने के बाद टैक्सी डाइवर ने भाविश से तय पैसे से ज्यादा पैसे की मांग कर दी जिसके लिए भाविश सहमत नहीं हुए तो डाइवर ने भाविश को बीच रास्ते में उतार दिया जिससे भाविश को बहुत बुरा लगा और बाकी की यात्रा उन्होंने बस के द्वारा करते हुए उन्होंने सोचा की देश में ऐसी घटना कितनी ही लोगों के साथ घटती होगी और उनके साथ भी ऐसा ही होता होगा जैसा मेरे साथ हुआ है।

तब उनके दिमाग में एक ख्याल आया कि उनकी जैसे ही और भी लोगों अच्छी कैब सर्विस की तलाश करते होंगे। जो उनको एक अच्छी सर्विस दे सके। तभी उनके दिमाग में एक अच्छी कैब सर्विस देने का ख्याल आया और यही से ola कैब की स्थापना शुरू होती है।

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दिसंबर 2010 में भाविश ने अपने काॅलेज के एक दोस्त अंकित भाटी के साथ मुंबई में ओला कैब की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने अपनी अच्छे वेतन वाली नौकरी भी छोड़ दी। जब उन्होंने ओला कैब की शुरुआत की तो उनके माता-पिता को लगता था कि भाविश एक टेवल एजेंट बनने जा रहा है। और वह बहुत नाराज हुए। लेकिन जब Ola cab की पहली फंडिंग हासिल हुई तो उन्हें बहुत खुशी हुई और मेरे स्टार्टअप के बारे में पता चला और भरोसा हुआ। 

आज ओला भारत में सबसे बड़े startup में से एक है। इस कंपनी में भाविश ने कार ना खरीदकर बल्कि ज्यादा से ज्यादा डाइवरों को जोड़ने की कोशिश की और अपने सेट-अप को एक एप्प के माध्यम से इंटरनेट से जोड़ा जिसे लोगों को अपनी राइड बुक करने में कोई कठिनाई ना हो। कई बार तो उन्होंने खुद भी ओला राइड सेवाएं लोगों को खुद डाइवर बनके दी है। 

ओला कैब सर्विस और तकनीक का तालमेल बहुत ही सफल रहा, क्योंकि इस ऐप को इस प्रकार डिजाइन किया गया था जिससे लोगों को अपने राइड से जुड़ी सभी जानकारी और सुविधा मिल सके। वे इस ऐप के माध्यम से ही अपनी online बुकिंग कर सके एवं रेटिंग और रिव्यू देख सकें और अपने मोबाइल से ही क्वालिटी की पूरी चेकिंग भी कर सकें। 

धीरे-धीरे उनका यह बिजनेस बढ़ता गया और  भाविश ने सोचा की कम दरों में लोगों को बेहतरीन सुविधाएं देकर ही इस कंपनी को आगे बढ़ाया जा सकता है और 2013-14 में ओला ने करीब 418.25 करोड़ का कारोबार किया था। वर्तमान में 75 से भी ज्यादा शहरों में 1.75 लाख लोग प्रतिदिन ओला की सर्विस का लाभ उठा रहे है। 

ओला कैब्स की नेट वर्थ

भविश अग्रवाल के पास ओला कैब्स में लगभग 6.7% हिस्सेदारी है, जो उनकी नेट वर्थ का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनकी पहली कंपनी, ओला, ने भारत में टैक्सी उद्योग को पूरी तरह से बदल दिया, उबर के समान राइड-हेलिंग सेवा के साथ। ओला की मूल्यांकन अब $4.8 बिलियन डॉलर से अधिक है, जो इसकी शानदारता को दिखाता है।

इसके बाद, 2017 में भाविश ने ओला इलेक्ट्रिक नाम से एक और कंपनी शुरू की, जो इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक बनाती है। इसका विकास भी तेजी से हुआ है।

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अक्टूबर 2023 में, ओला इलेक्ट्रिक ने टेमासेक और भारतीय स्टेट बैंक जैसे निवेशकों से 3,200 करोड़ रुपये की नई फंडिंग जुटाई। इससे इलेक्ट्रिक वाहन व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

भाविश अग्रवाल भारतीय उद्यमियों में से एक हैं जिन्होंने दो कंपनियों की स्थापना की है, जिनकी मूल्यांकन 1 अरब डॉलर से अधिक हो गई है, जो उनकी दृष्टिकोण और नेतृत्व को प्रकट करता है।

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भाविश अग्रवाल के ये शब्द आपको मोटीवेट कर देंगे 

भाविश अग्रवाल कहते है कि अलग-अलग तरह की घटनाएं तो सबके साथ घटती है लेकिन उन घटनाओं से कुछ सीख लेकर कुछ करने का आपके दिमाग में आये तो आप उस जिस चीज को आपने के लिए अपनी पुरी कोशिश क्यो न लगानी पड़े। एक ना एक दिन सफलता अवश्य अपके कदमों में होगी। 

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