भारत के 17 वर्षीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने रचा इतिहास, विश्‍व खिताब जीतने वाले सबसे युवा चैलेंजर, तोडा 40 साल पुराना रिकॉर्ड

भारत के युवा खेल में भारत का नाम रोशन कर रहे है। खेल के क्षेत्र ने नए नए युवा उभरकर आ रहे है और अपने नाम के साथ भारत का नाम भी रोशन कर रहें है इसके साथ ही भारत की झोली में गोल्ड मेडलो की संख्या बढ़ा रहे है। हाल ही में हो रहे शतरंज टूर्नामेंट में डी गुकेश ने भी क्या इतिहास रच दिया है। 

 

आज के इस आर्टिकल में हम आपको डी गुकेश के द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देने जा रहे है। आपको बताएंगे की किस प्रकार डी गुकेश ने अपने प्रतिद्वंदी को हराकर इस टूर्नामेंट को जीता है और भारत के नाम नया इतिहास रचा है। इस टूर्नामेंट को जीतने पर गुकेश को क्या मिला है? इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए इस लेख के अंत तक बने रहे। तो चलिए शुरू करते हैं…

डी गुकेश ने कोनसा इतिहास रचा है? 

 

गुकेश ने इस टर्नामेंट को जीतने के साथ ही कई नए रिकॉर्ड बना दिए है और पुराने कई रिकार्ड को तोड़ा है। इस टूर्नामेंट को जीतने के बाद डी गुकेश विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए है। गुकेश ने यह टूर्नामेंट 17 वर्षीय उम्र में ही जीत कर एक नया इतिहास रच दिया है। इस उम्र में विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतकर गुकेश ने गैरी कास्पारोव का 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है। 

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इस टूर्नामेंट को जीतने के बाद भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को शतरंज का सितारा बताया हैं। गुकेश शतरंज के विश्व कप 2023 के फाइनल में भी पहुंचे थे लेकिन वहा इनको निराशा हाथ लगी थीं। अब गुकेश 2024 के अंत में चीन के रहने वाले विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को चुनौती देंगे। 

कौन है डी गुकेश ?

 

गुकेश का जन्म 29 मई 2006 को चेन्नई में हुआ था। गुकेश 7 साल की उम्र से ही शतरंज खेलने लगे थे। साल 2025 में हुई under-9 लेवल में एशियन स्कूल शतरंज टूर्नामेंट को जीतने के बाद से सुर्खियों में आए थे। इसके बाद 2018 में हुई एशियन स्कूल शतरंज प्रतियोगिता में भी डी गुकेश ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया था। गुकेश शतरंज इतिहास के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए है। 

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गुकेश ने अपना फाइनल मुकाबला किसके साथ खेला ?  फाइनल 

 

गुकेश ने इस पूरे टूर्नामेंट में कुल 14 राउंड खेले थे। गुकेश ने अपने अंतिम राउंड या फाइनल मुकाबला अमेरिका के हिकारू नकामुरा के साथ खेला था। लेकिन यह मुकाबला ड्रॉ हो गया था इसके बाद गुकेश उनके अच्छे प्रदर्शन के कारण विजेता घोषित कर दिया गया था क्योंकि गुकेश के 14 राउंड में कुल 9 प्वाइंट थे। 

 

गैरी कास्पारोव ने रूस के अनातोली कारपोव को चुनौती देकर शतरंज का विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था तब कास्पारोव उम्र 22 साल थी। लेकिन गुकेश की उम्र महज 17 वर्ष है जो की एक नया कीर्तिमान है। इस टूर्नामेंट को जीतने पर गुकेश को 88 हजार 500 यूरो यानी 78.5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार राशि दी गई है। विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश इस टूर्नामेंट को जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए है। 

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